हिंदी साहित्य का इतिहास (रीतिकाल तक)


  1. हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन की परंपरा का परिचय
  2. हिंदी साहित्य : काल विभाजन एवं नामकरण
  3. आदिकाल का परिवेश
  4. आदिकाल का धार्मिक साहित्य धर्मेन्द्र प्रताप सिंह
  5. रासो काव्य
  6. लौकिक साहित्य : अमीर खुसरो एवं विद्यापति
  7. अनिवार्य पाठ : आचार्य रामचंद्र शुक्ल : ‘हिंदी साहित्य का इतिहास’ से : कालविभाग और आदिकाल प्रकरण-1 एवं 2
  8. भक्ति आंदोलन के उदय की पृष्ठभूमि
  9. भक्तिकाल के प्रेरणा स्रोत : दर्शन (अद्वैत, विशिष्टाद्वैत, शुद्धाद्वैत), सिद्ध-नाथ पंथ, लोक जीवन
  10. भक्तिकाल की धाराएं – निर्गुण और सगुण (संतकाव्य : कबीर, सूफीकाव्य: जायसी, कृष्ण काव्य:सूरदास, मीरां, रामकाव्य : तुलसी)
  11. भक्तिकाल की धाराएँ : सूफीकाव्य : जायसी
  12. अन्य धारा : रहीम
  13. भक्तिकाव्य मूल्य और प्रासंगिकता
  14. अनिवार्य पाठ : आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी : ‘हिंदी साहित्य की भूमिका’ से ‘भारतीय चिंता का स्वाभाविक विकास
  15. रीतिकाल का सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक परिवेश
  16. रीतिकाल की प्रमुख काव्य-धाराएँ : रीतिबद्ध काव्य , रीतिसिद्ध काव्य , रीतिमुक्त काव्य
  17. रीतिकाल : श्रृंगारिकता, प्रेम और सौन्दर्य, नीति, वीरता
  18. रीतिकाव्य में नारी
  19. अनिवार्य पाठ : नगेन्द्र: ‘रीतिकाव्य की भूमिका’ से ‘रीतिकाव्य की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि’
  20. व्यष्टि अर्थशास्त्र का परिचय

3 comments: